CHAPTER: 1. बहादुर (पाठांत प्रश्न — उत्तर)
प्रश्न 2. बहादुर कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
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प्रश्न 3. जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह क्या करता था?
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प्रश्न 4: बहादुर और किशोर के व्यवहार में अंतर के कारणों का विश्लेषण कीजिए।
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प्रश्न 5: निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:
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प्रश्न 6: बहादुर के व्यक्तित्व पर टिप्पणी कीजिए।
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प्रश्न 8: निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिएः—
प्रश्न 9: निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम, तद्भव, देशज और आगत शब्दों को छाँटिए — संतुष्टि, खेत, मलकाना, तकलीफ़, स्वच्छ, पेड़, शहर, तनख़्वाह।
उत्तर:
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बिना कोई परिवर्तन के हिंदी में लिए जाते हैं। उदाहरण—संतुष्टि, स्वच्छ।
तद्भव शब्द संस्कृत के मूल शब्दों से व्युत्पन्न होते हैं, परन्तु इनका उच्चारण और स्वरूप बदल चुका होता है। जैसे खेत (क्षेत्र), पेड़ (पादप)।
देशज शब्द पूरी तरह से स्थानीय या लोकभाषा से उत्पन्न होते हैं; वे किसी अन्य प्राचीन भाषा से व्युत्पन्न नहीं होते—जैसे मलकाना।
आगत शब्द अन्य भाषाओं जैसे उर्दू, अरबी, फ़ारसी या अंग्रेज़ी से हिंदी में आए हुए होते हैं—जैसे तकलीफ़, शहर, तनख़्वाह।
शब्द |
श्रेणी |
कारण / व्युत्पत्ति विवरण |
संतुष्टि |
तत्सम |
संस्कृत शब्द ‘संतोष’ से व्युत्पन्न; भाषा में बिना परिवर्तन के प्रयोग होता है। |
खेत |
तद्भव |
मूल संस्कृत शब्द ‘क्षेत्र’ का हिंदी रूपांतरण; उच्चारण और स्वरूप में बदलाव। |
मलकाना |
देशज |
स्थानीय रूप से उत्पन्न क्रिया; बोली और लोक भाषा में उपयोग होता है। |
तकलीफ़ |
आगत (उर्दू/फ़ारसी) |
फ़ारसी मूल का शब्द, हिंदी में उर्दू के माध्यम से आया है; सामान्यतः पीड़ा/दुख के लिए प्रयुक्त होता है। |
स्वच्छ |
तत्सम |
संस्कृत से हिंदी में यथावत आया है; ‘स्व’ + ‘च्छ’ संधि से बना। |
पेड़ |
तद्भव |
संस्कृत ‘पादप’ से व्युत्पन्न; हिंदी में परिवर्तित रूप में अपनाया गया। |
शहर |
आगत (उर्दू/अरबी) |
अरबी मूल ‘शहर’ से हिंदी में आया; नगर/नगरपालिका के लिए प्रयोग होता है। |
तनख़्वाह |
आगत (उर्दू/फ़ारसी) |
फ़ारसी शब्द ‘तनख़्वाह’ जो वेतन के अर्थ में प्रयोग होता है; हिंदी में मुहावरे और वाक्यांशों में समाहित। |
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