CHAPTER: 1. बहादुर (पाठांत प्रश्न — उत्तर)
प्रश्न 1. वाचक के लिए नौकर रखना किन कारणों से आवश्यक था? आपकी दृष्टि में क्या वे कारण उचित थे? उल्लेख कीजिए।
उत्तर: वाचक को नौकर रखने की आवश्यकता दो प्रमुख कारणों से महसूस हुई। पहला कारण था घर की व्यावहारिक स्थिति। उसकी पत्नी निर्मला को सुबह से रात तक घर के सारे काम करने पड़ते थे—साफ़-सफाई, खाना बनाना, बच्चों का ख्याल आदि। जबकि वाचक ने देखा कि उसके भाइयों और रिश्तेदारों के घरों में नौकर थे और उनकी पत्नियाँ आराम से बैठी रहती थीं। यह तुलना निर्मला की थकान और तकलीफ़ को और अधिक स्पष्ट करती है, जिससे वाचक को महसूस हुआ कि अब एक नौकर रखना आवश्यक है ताकि निर्मला को भी कुछ राहत मिल सके।
दूसरा कारण अधिक सामाजिक था। वाचक को रिश्तेदारों के सामने अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा बनाए रखने की चिंता थी। जब वह शादी में घर गया और देखा कि सभी अच्छे ओहदों पर हैं और नौकर रखते हैं, तो उसने महसूस किया कि यदि वह नौकर नहीं रखता, तो वह उनके सामने छोटा समझा जाएगा। यह भावना मुख्य रूप से दिखावे और सामाजिक दबाव से उपजी थी।
यदि हम इन कारणों की न्यायिक समीक्षा करें, तो पहला कारण—पत्नी की सहायता करना—नैतिक रूप से सही लगता है। यह मानवीय दृष्टिकोण है कि यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक मेहनत कर रहा है, तो उसकी सहायता के लिए कोई दूसरा व्यक्ति रखा जाए। लेकिन दूसरा कारण—दिखावा और सामाजिक प्रतिस्पर्धा—एक प्रकार की मध्यवर्गीय मानसिकता को उजागर करता है, जिसमें सुविधा कम और प्रतिष्ठा अधिक महत्वपूर्ण होती है। यह कारण नैतिक रूप से कम स्वीकार्य है, क्योंकि इससे नौकर को एक इंसान की तरह नहीं, बल्कि एक वस्तु या प्रतीक की तरह देखा जाता है। इस प्रकार, वाचक का निर्णय एक मिश्रित भावनात्मक और सामाजिक दबाव से प्रेरित था। कहानी आगे बढ़ते हुए यही दिखाती है कि जब नौकर को इंसान के रूप में नहीं देखा जाता, तो अंत में पछतावा ही हाथ आता है।
प्रश्न 2. बहादुर कहानी के आधार पर मध्यवर्गीय परिवार की कुछ प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
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प्रश्न 3. जब बहादुर को अपने घर की याद आती थी तो वह क्या करता था?
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प्रश्न 4: बहादुर और किशोर के व्यवहार में अंतर के कारणों का विश्लेषण कीजिए।
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प्रश्न 5: निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:
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प्रश्न 6: बहादुर के व्यक्तित्व पर टिप्पणी कीजिए।
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प्रश्न 8: निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिएः—
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प्रश्न 9: निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम, तद्भव, देशज और आगत शब्दों को छाँटिए — संतुष्टि, खेत, मलकाना, तकलीफ़, स्वच्छ, पेड़, शहर, तनख़्वाह।
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प्रश्न 8: निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिएः—
1. अभी,
2. अभी-अभी,
3. उछलकर,
4. उछल-उछलकर,
5. घूमकर,
6. घूम-घूमकर,
7. गाकर,
8. गा-गाकर
उत्तर:
1. अभी
वाक्य: बहादुर अभी सफ़ाई करके चाय बनाने जा रहा है, ताकि बाबूजी के दफ्तर से लौटने पर सब तैयार मिले।
विश्लेषण: यहाँ “अभी” समय बोध दर्शाता है—वर्तमान क्रिया के आरंभ की ओर संकेत।
2. अभी-अभी
वाक्य: अभी-अभी निर्मला ने आवाज़ लगाई थी—“बहादुर, पंखा चला देना,” लेकिन वह बरामदे में पोंछा लगा रहा था।
विश्लेषण: “अभी-अभी” तत्काल क्रिया के घटित होने को बताता है, जो “अभी” से भी तात्कालिकता में अधिक निकट होता है।
3. उछलकर
वाक्य: पेड़ से दातून तोड़ते समय बहादुर अचानक उछलकर नीचे कूदा और मुस्कराते हुए बोला—“देखिए माता जी, कितना लम्बा दातून मिला!”
विश्लेषण: “उछलकर” एक क्रिया के दौरान अचानक हरकत या प्रतिक्रिया दर्शाता है।
4. उछल-उछलकर
वाक्य: बहादुर ने जब पहली बार चूल्हे पर रोटियाँ सेंकीं, तो खुशी से उछल-उछलकर अपनी बनाई रोटी सभी को दिखाने लगा।
विश्लेषण: बार-बार या हर्षपूर्ण उछलने की पुनरावृत्त क्रिया।
5. घूमकर
वाक्य: बहादुर दोपहर में कपड़े धोने से पहले आँगन घूमकर देखता था कि कहीं कोई गंदा तौलिया रह न गया हो।
विश्लेषण: “घूमकर” का प्रयोग यह दर्शाता है कि वह एक बार चारों ओर देखकर काम करता है।
6. घूम-घूमकर
वाक्य: शाम होते ही वह घूम-घूमकर मुहल्ले के बच्चों को पहाड़ी जानवरों के बारे में बताने लगता था—“जानते हो, वहाँ छिपकलियाँ रंग बदलती हैं!”
विश्लेषण: यहाँ पुनरावृत्त क्रिया बताई गई है—फिर-फिर कर एक ही कार्य या प्रक्रिया करना।
7. गाकर
वाक्य: रात को बहादुर गाकर अपनी उदासी छिपाने की कोशिश करता था, और उन गीतों की मधुरता पूरे घर को भावुक कर देती थी।
विश्लेषण: “गाकर” भावपूर्ण क्रिया है, जो मनोदशा के अभिव्यक्ति के रूप में प्रयोग हुई है।
8. गा-गाकर
वाक्य: बारिश के दिनों में बहादुर गा-गाकर काम करता था, जिससे उसका अकेलापन कम हो जाता था और घर में भी चहल-पहल बनी रहती थी।
विश्लेषण: यहाँ “गा-गाकर” में भाव और निरंतरता दोनों हैं—जो किसी क्रिया के उत्साह या आदत को प्रकट करता है।
प्रश्न 9: निम्नलिखित शब्दों में से तत्सम, तद्भव, देशज और आगत शब्दों को छाँटिए — संतुष्टि, खेत, मलकाना, तकलीफ़, स्वच्छ, पेड़, शहर, तनख़्वाह।
उत्तर:
तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बिना कोई परिवर्तन के हिंदी में लिए जाते हैं। उदाहरण—संतुष्टि, स्वच्छ।
तद्भव शब्द संस्कृत के मूल शब्दों से व्युत्पन्न होते हैं, परन्तु इनका उच्चारण और स्वरूप बदल चुका होता है। जैसे खेत (क्षेत्र), पेड़ (पादप)।
देशज शब्द पूरी तरह से स्थानीय या लोकभाषा से उत्पन्न होते हैं; वे किसी अन्य प्राचीन भाषा से व्युत्पन्न नहीं होते—जैसे मलकाना।
आगत शब्द अन्य भाषाओं जैसे उर्दू, अरबी, फ़ारसी या अंग्रेज़ी से हिंदी में आए हुए होते हैं—जैसे तकलीफ़, शहर, तनख़्वाह।
शब्द |
श्रेणी |
कारण / व्युत्पत्ति विवरण |
संतुष्टि |
तत्सम |
संस्कृत शब्द ‘संतोष’ से व्युत्पन्न; भाषा में बिना परिवर्तन के प्रयोग होता है। |
खेत |
तद्भव |
मूल संस्कृत शब्द ‘क्षेत्र’ का हिंदी रूपांतरण; उच्चारण और स्वरूप में बदलाव। |
मलकाना |
देशज |
स्थानीय रूप से उत्पन्न क्रिया; बोली और लोक भाषा में उपयोग होता है। |
तकलीफ़ |
आगत (उर्दू/फ़ारसी) |
फ़ारसी मूल का शब्द, हिंदी में उर्दू के माध्यम से आया है; सामान्यतः पीड़ा/दुख के लिए प्रयुक्त होता है। |
स्वच्छ |
तत्सम |
संस्कृत से हिंदी में यथावत आया है; ‘स्व’ + ‘च्छ’ संधि से बना। |
पेड़ |
तद्भव |
संस्कृत ‘पादप’ से व्युत्पन्न; हिंदी में परिवर्तित रूप में अपनाया गया। |
शहर |
आगत (उर्दू/अरबी) |
अरबी मूल ‘शहर’ से हिंदी में आया; नगर/नगरपालिका के लिए प्रयोग होता है। |
तनख़्वाह |
आगत (उर्दू/फ़ारसी) |
फ़ारसी शब्द ‘तनख़्वाह’ जो वेतन के अर्थ में प्रयोग होता है; हिंदी में मुहावरे और वाक्यांशों में समाहित। |
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